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Bindiyarani Thakur

Romance

3  

Bindiyarani Thakur

Romance

रूठना -मनाना

रूठना -मनाना

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जरा जरा सी बात पर क्यों नाराज हो जाते हो

छोटी छोटी बातों को क्यों बड़ा बनाते हो?


क्या कसूर है मेरा जो इतना सताते हो

क्यों बार बार हमारा दिल ऐसे दुखाते हो

बिना गलती के ही गुनाहगार

 हमें किसलिए आप बनाते हो!


मासूम सा मन है मेरा

क्यों इसको तोड़ जाते हो 

खिलौना समझ जज्बात से 

हरबार खेल जाते हो !


इंसान हूँ मैं, मुझे भी दर्द होता है 

आपके रवैये से मेरा दिल रोता है 

ज्यादा कुछ तो मांगती नहीं हूँ मैं 

 बस जरा सा प्यार मांगती हूँ मैं !


सात फेरों के द्वारा बनी 

आपकी अर्द्धांगिनी हूँ मैं 

आपकी खुशी में खुश रहती हूँ मैं 

आप मुस्कुराएं तो हंसती हूँ मैं! 


छोटी सी तो जिंदगी है 

चलो हंसकर बिताएं 

अब छोड़िए भी ये गुस्सा 

ओ जनाब, हंस भी दो ना!  


 


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