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Ritu Rose

Romance

4  

Ritu Rose

Romance

मीरा

मीरा

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ना राधा ना रुक्मणी भक्ति का रस पाने 

मैं मीरा बन गई सांवरे मुझे मीरा तो बन जाने दो


यह दर्द बड़ा मीठा है बेदर्दी सारा जमाना

मैं ही रुक्मण हूं मैं हूं मीरा हूं मैं ही राधा जी मेरे कान्हा

फिर काहे की अगन है इस बेदर्दी जमाने को

ना........

 मैं........


कोई हार गले में पहने कोई सिंगार गले में पहने

तेरा प्रेम ही सब सिंगार सांवरे मीरा के सब गहने

भक्ति का रस है पीना सांवरे नहीं दिखाने को

ना..........

मैं.............


कोई मांग टिका लगाए कोई बालों में गजरा सजाए

भगवा बाना पहर कर मीरा मधुसूदन भजन बस गाए

दुनिया में अवसर छोड़ा नहीं फिर भी उन्हें सताने को

ना...........

 मैं...........


वह भक्ति में डूब कर इस जग के पार उतर गई

सांवरिया समा गए खुद में दुनिया के लिए मर गई

कुछ और भी रह गया क्या सबको बताने को।


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