ख़त
ख़त


ख़त लिख रहा हूं,
तुम्हारे नाम का।
ख़त में भरता हूं मोहब्बत,
हमारे बीते हर शाम का।।
कल हो जब मैं न रहूं,
तब भी मेरा ये ख़त रहेगा।
मेरे जाने के बाद भी,
दिल में तुम्हारे मोहब्बत
मेरा शेष रहेगा।।
कहानी है मेरी प्रीत का।
ख़त है रंग तेरी रीत का।।
ख़त लिख रहा हूं,
तेरे बिना मैं अधूरा।
ख़त में भरता हूं हाल-ए-दिल,
तुम कहो मेरे बिना हो पूरा।।
सूखे दिल में,
तुम बन के बारिश बहार आई।
मेरी धड़कन में,
तुम बन के बादल घटा छाई।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
तुम जीवन में मेरे कैसे आए।
ख़त में भरता हूं,
तुम दिल में कैसे समाए।।
जीवन में,
बन के तुम बहार आई।
रूकी सी नदी में,
बन के धारा लाई।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
क़लम लिख रहे,
तेरे सौंदर्य की कहानी।
ख़त में भरता हूं,
उल्फत की शोख हसीन रवानी।।
बिखरे बालों में तुम रूहानी।
होंठ लाली की तुम दीवानी।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
क़लम से हर रात तुम्हारी बात करता हूं।
ख़त में भरता हूं मेरे एहसास,
हर शब्द में मैं तुमसे मुलाकात करता हूं।।
तुम में थोड़ी सी मोहब्बत,
तुम में थोड़ी सी नज़ाकत।
तुम थोड़ी सी बावली,
तुम थोड़ी सी नादान।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
तुम्हारे काम का।
ख़त में भरता हूं तुम्हारे बचपन का सम्मोहन,
कामकाजी, थोड़ी जल्दबाजी और माँ के ध्यान का।।
डॉक्टर ठहरे सारे नब्ज़ की।
पढ़ न पाए धड़कन अपने मीत की।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
तुम्हारे लेखन के शौक की।
ख़त में भरता हूं,
तुम्हारे शब्दों की जादूगरी।।
खफा खफा हमसे रहते हो,
अक्सर शिकायत हमारी करते हो।
तेरी खामोशी का कारण क्या है,
तुम्हारी आदा है लिख कर बताने की।
।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
मोहब्बत के टूटे डोर का।
ख़त में भरता हूं अश्क,
प्रीत के रूठे मीत का।।
प्रीत का दामन छूटा क्यों।
हमारा मिलन टूटा क्यों।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
जिंदगी विरान है।
ख़त में भरता हूं अक्स,
बिना तेरे प्रीत तेरा ये
शायर परेशान है।।
अगर मोहब्बत मेरी बंधन है।
तो मिलकर बिछड़ना ही
मेरी संगम है।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
रंग तुम्हारे जीवन की।
ख़त में भरता हूं कहानी,
बेरंग रही हमारी सिंदूर की।।
ओढ़ा सारे रीत तुम्हारे।
बन न पाए हम मीत तुम्हारे।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त लिख रहा हूं,
तुम्हारे ख़्वाब का।
ख़त में भरता हूं हकीक़त,
मेरे प्यार का।।
मेरे एकतरफा प्यार का।
गीत है तुम्हारे मीत के संगीत का।।
कहानी है मेरी प्रीत..।।
ख़त भेज रहा हूं,
तुम इसका जवाब जरूर देना।
मेरे बिना/संग वक्त कैसी गुजरी,
तुम इसका हिसाब ज़रूर देना।।
लिखेंगे फिर हम,
अपने प्रीत की कहानी।
उतरेगी तेरी रीत मेरे लफ़्ज़ों में,
होगी मेरी क़लम दीवानी।।
कहानी है मेरी प्रीत का।
ख़त है रंग तेरी रीत का।।
रचना है इतिहास रीत का।
ख़त है सत्या संग प्रीत का।।