STORYMIRROR

Satya Narayan Kumar

Abstract

3  

Satya Narayan Kumar

Abstract

क़यामत

क़यामत

1 min
292

उनसे कहना मेरे मौत के बाद

मेरे कब्र के करीब से ना गुजरें।


कहीं मेरा दिल फिर धड़क ना उठे

उनके लिए क़यामत होगी।


जिंदगी से मुंह फेर कर गए थे तुम कल

आज फिर वो मोहब्बत तुमसे ना होगी।


आज हमारी मौत भी जिंदगी से हसीन होगी

उनके लिए क़यामत होगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract