शायद खुदा की है तू कोई रहमत नई-नई ! शायद खुदा की है तू कोई रहमत नई-नई !
जुनूं का हाथ है आज और दामन पारसाई का। जुनूं का हाथ है आज और दामन पारसाई का।
इन टूटती दीवारों को गिरने से बचाओ, वरना रहोगे ढूंढते के घर किधर गया। इन टूटती दीवारों को गिरने से बचाओ, वरना रहोगे ढूंढते के घर किधर गया।
है बसर बहारों का ये इसलिए सलामत है अब। है बसर बहारों का ये इसलिए सलामत है अब।
अल्फाज़ों के दर्द को कभी देखो देखो कितनी कहानी है। अल्फाज़ों के दर्द को कभी देखो देखो कितनी कहानी है।
जो उसकी कदर तक नहीं करता, जाने क्यों उसे ही पाना चाहती है। जो उसकी कदर तक नहीं करता, जाने क्यों उसे ही पाना चाहती है।