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Aakash Shah

Romance

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Aakash Shah

Romance

महोब्बत नई-नई

महोब्बत नई-नई

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कैसी उठी है दिल में, शरारत नई-नई

दिल चाहता है अब करना, मुहोब्बत नई-नई !


हो दिल से निकली हर बात, जो सुने कोई दिल से,

दिल चाहता है अब करना, इबादत नई-नई !


उसके चहरे की अलकों में, छिपा हो कोई नग्मा,

पढ़ ले जिसे कोई, तो आए क़यामत नई-नई !


मुक्कदर में मेरे, लिखी है खुशियाँ तुझसे ही,

शायद खुदा की है तू कोई रहमत नई-नई !


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