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Aakash Shah

Others

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Aakash Shah

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पुरानी यादें

पुरानी यादें

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दिलफेंक आये थे जिस पर हम

तक़दीर लायी वहीं है आज,

एक और पुराने बटुए से तस्वीर

निकल आयी है आज ।


कुछ ऐसे प्यार करता था मैं उसे,

दूर होते हुए भी पास रखता था मैं उसे,

एक पल भी दूर होना नहीं चाहता था में उसे,

बटुए में छुपाकर रखता था मैं उसे ।


अपनी मुहब्बत से रिश्ता खरीदनेवाला था,

पर कहाँ खबर थी इस बात की,

की जिंदगी के बटुऐ से निकलकर,

एक दिन खुद ही खर्च हो जाऊँगा ।


मेरा बटुआ मेरी तरफ देख शर्मा जाता था

कि कितना मजबूर रहता था,

गाँव सा रहता था मेरा जेब,

शहर की रोशनी से

कितना दूर रहता था ।


फ़क़ीर मेरे किरदार में शामिल इस तरह था,

कि भरा बटुआ जेब में चुभता इस तरह था ।

प्यार और पैसे में खुद बिकता इस तरह था,

पुरानी यादों की ओर बटुआ ढ़लता कुछ इस तरह था ।


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