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Aakash Shah

Romance

5.0  

Aakash Shah

Romance

अब तक क्यूँ है ?

अब तक क्यूँ है ?

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बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है,

उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है।


हज़ारो जख्म है मुझमे जो उसकी निशानी है,

मुझे उसकी फिर भी ज़रुरत क्यूँ है।

बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है,

उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है।


वो जहाँ है वहां खुश है,

मुझे फिर भी उसकी इतनी फिकर क्यूँ है।

बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है,

उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है।


नहीं शामिल मैं उसकी आरजू में,

मेरे हाथों में फिर उसकी लकीर क्यूँ है।

बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है,

उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है।


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