हमारी कहानी
हमारी कहानी


जब मौत अपनी गोद में रख लेगी मेरा सिर
तुम मेरे पैरों के पास बैठ जाना
और कहना हमारी कहानी
वहां से
जहां हम मिले थे
वहां तक
जहां हम फिर से मिलेंगे
जब सांसों की डोर चटकेगी
तब उस चटकन की शायद कोई आवाज़ न हो
और शायद मैं जोड़ भी न पाऊं
उसे गांठ बांध कर
तब तुम अपनी आवाज़ की डोर से
बांध लेना मुझे
और कहते रहना हमारी कहानी
वहां से
जहां तुमने मेरे मन को छुआ था
वहां तक
जहां तुम मेरी आत्मा को छुओगे
मैं मृत्यु के उस पार ले जाऊंगी
हमारी कहानी
और पढ़ती रहूंगी उसे
वहां से
जहां हम पहली बार मिले थे
वहां तक
जहां हम फिर से मिलेंगे ।।