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Rahul Dwivedi 'Smit'

Romance

5.0  

Rahul Dwivedi 'Smit'

Romance

एक तुम्हारे बाद प्रिये

एक तुम्हारे बाद प्रिये

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मेरे जीवन का सूनापन, तुमसे है आबाद प्रिये ।

जीवन की हर गूढ़ ऋचा का, हो तुम ही अनुवाद प्रिये ।।


तुम खुशियों के शीशमहल में, तुम मेरी तन्हाई में..

तुम जीवन की धूप छाँव में, यादों की तरुणाई में ।

भाग्य-शिला पर भी अंकित है, इतनी सी फरियाद प्रिये....

मेरे जीवन का...........।।


साँसों के दीपक की लौ में, खुद को मैं पढ़ लेता हूँ ।

एक कदम में दूर शिखर तक, पल भर में चढ़ लेता हूँ ।

मेरी ताकत प्यार तुम्हारा, और तुम्हारी याद प्रिये

इस जीवन की..............।।


भूले बिसरे चन्द पलों के, मौन इरादे रखता हूँ ।

अब भी दिल में सहमे-सहमे, घायल वादे रखता हूँ ।

बस इतनी सी पूँजी मेरी, एक तुम्हारे बाद प्रिये....

मेरे जीवन का...............


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