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सोनी गुप्ता

Abstract Romance Inspirational

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सोनी गुप्ता

Abstract Romance Inspirational

मेरे हमसफ़र

मेरे हमसफ़र

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तू जब से मिला मुझे दुनिया मेरी बहुत बदल गई

देखकर तुझे लगा जैसे मुरझाई कली खिल गई

दर्द दिया था जब इस बेदर्द जमाने ने बहुत मुझे

तुमसे मिले जब तो तुम हर दर्द की दवा बन गए


आज मांग मेरी भरकर हर वचनों को याद रखना

अब इस प्रेम के सफ़र में तुम साथ मेरा निभाना

जीवन भर साथ रहोगे यह अहसास तुम दिलाना

कभी एक साथी तो कभी दोस्त भी मेरे बन जाना


तुम हो मेरे जीवन की मुस्कान तुम्हीं सावन हो मेरे

जीवन की नौका हम तुम साथ मिलकर चलायेंगे

प्रेम के इस सागर में साथ मेरे मांझी तुम बन जाना

अब इस प्रेम के सफ़र में तुम साथ मेरा निभाना


हर दुःख में और सुख में हमेशा मेरे साथ रहकर

ये हमारा प्यार भरा रिश्ता साथी मेरे तुम निभाना

सिर्फ मेरा तेरा नहीं परिवार अब ये हम दोनों का


मिलकर हर सुख दुःख में इनका सहारा बनना है

माट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू सा सबको महकाना

मेरे हमसफ़र तुम हमेशा खुशनुमा बहार बनकर

अब इस प्रेम के सफ़र में तुम साथ मेरा निभाना


बहुत होगा काम तुम्हें रहोगे तुम बहुत व्यस्त कभी

उन व्यस्त पलों से कुछ पल हमारे लिए भी बचाना

सुनहरे सपनों से पंख लेकर रहना अपनों संग हमेशा

जब कभी गम के बादल आ जाए जीवन में हमारे


तुम हल्की –हल्की सी फुहार बनकर बरस जाना

अब इस प्रेम के सफ़र में तुम साथ मेरा निभाना।


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