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S N Sharma

Abstract Inspirational

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S N Sharma

Abstract Inspirational

खेल-खेल में।

खेल-खेल में।

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न गुरूर कर तू जीत का

ना हार का शोक मना

खेल में जीत भी होती है

हार भी मुमकिन।

एक ही सिक्के के दो पहलू है

सफलता और असफलता।

खेल में जान लगा देती हैं दोनों टीमें।

एक को हार मिले तभी दूजी जीते।

गलती जब भी अनजाने में कोई होती है

खामियाजा उठाना होता है।

कोई तदबीर साथ देती नहीं

और फिर हार जाना पड़ता है।



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