आज़ाद
आज़ाद
कई तंज़ हैं मुझपर आने वाले
कोई रोक सके तो रोक ले
मैं धर्म से इंन्सा कर्म से इंन्सा !
आज़ाद था मैं, आज़ाद रहूंगा !!
मैं क्यूं शोर में गाता जाऊं
गांधी भूलकर आज़ादी मनाऊं
इतिहास बदलकर सच्चा बनूं और
देश का सच्चा सपूत कहलाऊं
मेरी धरती, जितनी सबकी
फिर मैं क्यूं पाकिस्तान जाऊं
गलत को गलत ना कहूं और
बस तुम्हारी बात दोहराऊं
ना बोलूं तो नक्सली बन जाऊं
सच बोलूं तो गोली खाऊं
तुम चाहते भूख गरीबी भूलकर
मैं बात धर्म की करता जाऊं
मैं Moscow हमला कर
पेरिस अपने अंदर ले आऊं
यहूदियों को मार मार कर
मैं फासीवादी बन जाऊं
मैं कांवरियों की गलती बोलूं
मेरा धर्म बदल जाएगा
ब्राह्मणों का पाखंड बता दूं
मुद्दा anti-national हो जाएगा
मैं जात पात को दूर करूं तो
तुम वोट कैसे पाओगे
सारे इंसा एक कहूं तो
तुम हिन्दू मुस्लिम खेलोग
तेरी राजनीति तुझे मुबारक
मैं तो बुद्धिजीवी ही रहूंगा
मैं धर्म से इंन्सा कर्म से इंन्सा !
आज़ाद था मैं, आज़ाद रहूंगा !!
कौन सा पौरूष, कैसा दमखम
जो मुझको भीतर ही खा जाए
मैं एक जानवर को भगवान मान लूं
और इंन्सा भीड़ में मारा जाए
बस नाम बदल कर कुछ जगहों का
मैं देश का सच्चा नेता कहलाऊं
मैं लोग अपने तैनात करूं और
टीवी पर दम भर चिल्लाऊं
मैं बकवास पढूं , मैं नफरत बोऊं
मैं झूठ फरेब लिखता जाऊं
तेरी भाषा में मैं वीर तभी
मैं तभी सच्चा देशभक्त कहलाऊं
मैं टीका लगाकर सुर्ख लाल
टोपी को आतंक बताऊं
मैं क्यूं भटकूं अपने आज से
और तेरा भक्त बन जाऊं
मैं किसी shopping mall से कॉलेज में
अपना b.tech स्वीकार करूं
मैं दर दर भटकूं जॉब के लिए
Call-center में काम करूं
शाम को फेसबुक पर ऑनलाइन आकर
तुम्हारा पूरा गुणगान करूं
मैं dating website पर जाकर
अपनी रात नीलाम करूं
तुम इतिहास हटाकर तकनीक पढ़ाओ
देश का पैसा बाहर ले जाओ
देश में राम राम बोलकर
तुम्हीं देश के भक्त कहलाओ
बड़ी बड़ी बातें, सिकंदर सरीखे
तुम दुर्गा को defense मिनिस्टर बनाओ
तुम ही रेप करो किसी मासूम का
उसमे भी तुम धर्म भुनवाओ
तुम चाहे जितनी कोशिश के लो
मैं कभी तुम्हारा साथ ना दूंगा
मैं धर्म से इंन्सा कर्म से इंन्सा
आज़ाद था मैं, आज़ाद रहूंगा !!
