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चेतनाप्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Abstract

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चेतनाप्रकाश चितेरी , प्रयागराज

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चांँद जैसा प्रियतम

चांँद जैसा प्रियतम

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आज करवा चौथ का निर्जला व्रत 

है सखी ,

चलो विधि - विधान से पूजन कर ,

मांग में सिंदूर भर, माँ गौरी से आशीष लें सखी।


छलनी से चाँद जैसे शीतल

प्राणप्रिय रूप देख सखी ,

विधु को अर्घ्य देकर 

प्रियतम के हाथों से पानी पी व्रत खोलें सखी।


पति की लंबी उम्र की कामना कर ,

सास – ससुर व बड़ों का आशीर्वाद लें 

आओ! मंगल गीत गाएँ सखी ।


हम सबको पिया का प्यार मिले ,

हम सबका परिवार सुखी रहे सखी ,

करवा माता ! से विनती है , बहनें सदा - सुहागिन रहें , 

माँ से आशीर्वाद मिले सखी ।



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