खून की होली।
खून की होली।
एक फौजी: हमें ना आज की फ़िक्र
ना कल की चिंता है
बस भारत माता का नाम ना मिले मिट्टी में इतनी सी मन की इच्छा है।
आज करोड़ लोग चैन से सो पाए हैं क्योंकि सीमा पर हमारे रखवाले खड़े हैं।
खुदकी रक्षा की हम जरुरत नहीं
. हमारे वीर जवान हमारे लिए बंदुक ताने खड़े हैं।
बस दो जज्बात उनके मन में है
या तो लहरता हुआ तिरंगा साथ लाएंगे
या फिर खुद तिरंगे में लिपटे हुए आएंगे
जब पहली बार यहां सीमा पर आए थे
हमें तो पहले से ही पता था हमारा कल तो है ही नहीं।
कोई मां को "जल्दी लौटूंगा" का दिलसा देकर आया है।
कोई बूढ़े बाप को बीमार छोडकर आया है।
मसले सबके अलग है।
मकसद पर एक है, भारत मां को समर्पित होना है
आखिरी सांस भारत मां की गौद में ही लेनी।
मुझे माफ़ करना मेरी माँ
भारत मां के आगे, आज तेरी ममता के आंचल को सूना करके जा रहा हूं।
कितने वीर जवान न जाने रोज़ जखमी होते हैं
कितने के सीनो पर रोज़ गोली लगती है
हम घरो में सुख चैन से रह रहे हैं कहीं रोज खून की होली खिलती है।
सरहद पर देश के जवान खड़े हैं।
दुश्मन से कह दो उलटे जोड़ी ही वापीस लौट जाए।
वो हिंदुस्तान ही है
जहाँ शहीद भी हमेशा अमर रहता है।
जहां लोगो के विचारो में
रोज़ के समाचार में
मौसम की बहारो में
हर किसी की जुबां पर
एक ही नारा है
सबसे सुंदर सबसे प्यारा भारत देश हमारा है।
जीवन में कुछ नेकी नहीं की मैंने फिर भी मैं इतराती हुं।
कोई जब पूछे कहां से हो?
*भारत*
मैं शान से बतलाती हूं।
देश प्रेमी हूं मैं
देश भक्त हूं मैं
दिल की सच्ची और स्वच्छ हू मैं
पर जो अगर उंगली उठाई किसी ने देश पर मेरे तो बहुत सख्त हूँ मैं
जिनके होटो पे हँसी पाँव में छाले हैं हा वही लोग मेरे देश के चाहने वाले है।
