शिक्षक से मुलाक़ात
शिक्षक से मुलाक़ात
ये कलियां ही कल पनपेंगी
पौधों में फ़ूल भी आएंगे
ये हैं भविष्य भारत कुल का
यही वृक्ष विशाल बन जाएंगे
ये काम मिला है नेक आप को
शिद्दत से लगना होगा
यही बालक आपके अनुभव से
एक दिन मिसाल बन जाएंगे
अभी नहीं इनको ज़ुबान
तुम ही ज़ुबान बालावस्था
और द्वेष ना पता बच्चों को
उन्हें प्रेम का ही दो गुलदस्ता
मनोवस्था का बीज तुम्हीं हो
सब हाथ तुम्हारे व्यावस्था
भावो को रोकना ठीक नहीं
बस रूख दो सब अव्यावस्था
परिपक्वता का परिचय ही तो
है पूर्ण मूल्य मूलावस्था
हरावस्था पर बस नज़र रखो
ना नज़र रखो निज स्तर जा कर
अपना बन कर तुम बात करो
और साथ चलो पराकष्ठा
बस बाल मनोविज्ञान यही
इसी विधी विधान से पाएंगे
कुछ बाल भगत सिंह या कलाम
कल्पना बन चाँद पे जाएंगे
ये कलियां ही कल पनपेंगी
पौधों में फ़ूल भी आएंगे
ये हैं भविष्य भारत कुल का
यही वृक्ष विशाल बन जाएंगे।
