हाइकु
हाइकु
१- नदी-पोखर
श्रृष्टि की नित चाल
अब बेहाल।
२- जंगल बचे
आओ पहल करें
प्रारम्भ करें।
३- जल बचेगा
तभी कल बचेगा
फूल खिलेगा।
४- पर्वत पर
आओ शांति को लायें
हाथ बढायें।
५-करो प्रयास
प्रकृति बचाने को
मंहकाने को।
६- झंझाबातों से
पेड-पौधे लडते
फल हैं देते।
७- धरा पर हैं
पेड-पौधे ईश्वर
का अवतार।
८- परहित में
पेड-पौधे जीवन
करें अर्पण।
९- हरी धरती
स्वर्ग बन जायेगी
बर्षा आयेगी।
१०- सागर तीरे
ईश कृति निहारे
दृश्य हैं प्यारेl