रचना
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प्रभु मेरे ----------
प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,तुम्हीं से प्यार करता हूं ।छवि तुम्हारी नयनों में रखता हूं ।।
प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,पल- प्रतिपल दर्शनों को तरसता हूं ।मैं भटका प्राणी, भटकता ही रहता हूं ।।
प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,बिन तुम्हारे जीवन में तनिक न चैन।हृदय जले तवा सा, नौ-नौ आंसू रोते नैन।।
प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,दूर न मुझको करो, पड़ता हूं पांव।बिन तुम्हारे मुझे कहीं न मिले छांव।।
प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,दिखा दो राह सुपथ की नाथ ।पकड़ लो उंगली, छोड़ो न साथ ।।
प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,नित लीन रहूं तुममें ही प्रभु ।बस इतनी सी विनय स्वीकार करो प्रभु ।।
- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा ग्राम रिहावली, डाक घर तारौली गूजर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश 283111
