अभी दे आज दे तत्काल दे यानि संन्यास दे ! अभी दे आज दे तत्काल दे यानि संन्यास दे !
केवल सुख की राह चुनी तो, आज़ादी खो जाएगी। केवल सुख की राह चुनी तो, आज़ादी खो जाएगी।
प्रभु राम तो प्यार के भूखे खाकर वो संतुष्ट हुए। प्रभु राम तो प्यार के भूखे खाकर वो संतुष्ट हुए।
क्रोध में राम ने धनुष उठाया सागर तब मांगे क्षमा। क्रोध में राम ने धनुष उठाया सागर तब मांगे क्षमा।
मुस्कुरा कर विष को भी पीना जीवन की कला है बता गया कुछ ने खोया कुछ ने पाया नियति का खेल प्रभु की म... मुस्कुरा कर विष को भी पीना जीवन की कला है बता गया कुछ ने खोया कुछ ने पाया निय...
कभी मीत बन जाता दुश्मन कभी दुश्मन को प्रीत सिखाते। प्रभु भावों के रूप अनगिनत भावों के अनगिनत बादल। कभी मीत बन जाता दुश्मन कभी दुश्मन को प्रीत सिखाते। प्रभु भावों के रूप अनगिनत भा...