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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

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सत्य से परे

सत्य से परे

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मेरा क्या है

कुछ भी नहीं है 

तेरा भी क्या है

कुछ भी नहीं है

यह मेरा तेरा

भ्रम है

यह समर्पण

यह प्यार

यह रिश्ता

भ्रम है

यह जीना क्या 

यह मरना क्या

यह हंसना क्या

यह रोना क्या

यह सब सपना है

नहीं यह अपना है

सब धोखा है

सत्य से परे है।



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