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શૈમી ઓઝા "લફ્ઝ"

Abstract

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શૈમી ઓઝા "લફ્ઝ"

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जिंदगी से दोस्ती

जिंदगी से दोस्ती

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जिंदगी मेरे साथ चलो ना,

जब जब मैं खुद को अकेला महेसुस करूं तब 

मेरी साथी बन जाओ ना।


सुना है बहुत तेरे बारे मैं,

बीता हुआ वक्त कभी लोट

कर न आये,तुम्हें हमारी 

दोस्ती का वास्ता बीता हुआ वक्त मेरे लिए वापस लावो न।


हम शरारत के बलबूते पर 

सबको सताया करते थे,

पर न जाने क्यों तेरी शरारत के सामने हमने घुटने टेक दिये थै,ए जिंदगी

हमे हमारी हुकूमत वापस दिला दो न।


जितने पडाव आए इतने

हम खुशी खुशी झेलते गए,

अपनो से बिछड़ने का गम

दिल में भर सा गया था,


ए जिंदगी मेरी साथी तू ने

हमे खून पढाया था,हम सीखते सीखते जो भूल गए हो,

तो एक बार बीती बातें

याद जरूर कराना....


ये तो वखत का कमाल है

आप सफल तब सब आपके,

अगर आप निष्फल है,

तो अपने भी पराये होते है,

तो परायो के बारें मैं क्या बोलना,

निष्फलता तो आपकी सच्ची गुरु है

सम्बंध का आयना दिखाती है,ए जिंदगी सही गलत का भेद करा दो ना।


बदलते वक्त में,कोई हमे

अपना होने का झूठा दावा कर चला जाता है,

अब हमसफर शब्द सुनकर भी जी घबराने लगता है,

ए जिंदगी मेरी ताकत बनजावो ना...


तेरे साथ चलना मुझे अच्छा लगता है,

ए जिंदगी कभी वक्त मिले तो नये मित्र कि तरफ पलटकर जरूर देखना...



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