सच्चा प्यार...
सच्चा प्यार...
वो प्यार ही क्या जो बयां शब्द से हो,वह प्यार ही क्या जो,
आधी सफर में अलविदा कह जाए,
प्यार में दिखावा न होता, और
दिखावे वाला प्यार कभी जन्मो जन्म की सफर न बन जाता।
जो प्यार की आयु दिखावे से होती तो राधे कृष्ण नहीं कहता संसार,
किसी का स्थान छीनकर या किसी को बदनाम कर प्यार पाना प्यार कहते है।
तो धोखा किसे कहेगे?
ये मतलबी दुनिया दिखावे और झूठ की बुनियाद बुलंद रखने तुली है,
सच्चा प्यार बदनाम हो जाता है।
मैं ने सच्चे प्यार में संन्यासी को संसारी और राजकुमारी को स्मशान वासिनी बनते देखा है।
सच्चे प्यार की दास्तान सच्ची , बाकी सब झूठ है।