पिता
पिता
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हमारे देर से उठ जाने पर
सुबह में वक़्त को रोक कर
स्कूटर को तेज दौड़ाते हुए
एक इंसान बन जाता है आपका सुपरहीरो
शाम में लौट आने पर
खुद में कई बातों को छिपाए
मुस्कुराते हुए देखता है
ताकि उदासी आप तक आए नहीं
सीखना चाहता है कुछ नया
क्योंकि वक़्त बिताने के
लिए कुछ नए बहाने ढूंढता है
थाम लेता है फिर से आपकी उंगलियां
जैसे बचपन में थाम लिया करता था
काम से लौट आने पर खिलाता है
उन रोटियों को भी
जो बचाए रखता है खुद के लिए
क्योंकि जानता है भूख मिटाना
कितना जरूरी होता है
कई घंटों की थकान के बाद
फिर भी चाहता है
देखना खुद से आगे
भले न कह पाए
लेकिन प्यार करता है
वो बिल्कुल माँ की तरह ही