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Shirish Pathak

Romance

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Shirish Pathak

Romance

पूरी दुनिया

पूरी दुनिया

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आज क्या लिखूं सोच नहीं पा रहा मैं

कुछ भी नया नहीं बचा अब कहने को,

तुम्हारे लिए मैं बस एक इंसान हूँ

मेरे लिए पूरी दुनिया हो।

 

तुम्हारे लिए कुछ भी कहना अब मुश्किल लगता है

डर भी लगता है और एक चिंता भी बनी रहती है,

जाने तुम क्या सोचने लगो मेरे बारे में

मगर कहना भी ज़रूरी होता है क्यूंकि

खुद में कई बातें छुपा नहीं सकता।

 

आजकल जब भी तुम्हारी गली के पास से गुज़रता हूँ

सोचने लगता हूँ ये जगह इतनी वीरान कैसे हो गयी,

किसी बंद दुकान के आगे कुछ लोग अलाव तपते दिखते हैं

या किसी सुनसान सी सड़क पे दौड़ते हुए बच्चे मिल जाते हैं।

 

इसका कारण शायद ठंड लगेगा तुमको

मगर असली कारण तुम्हारा यहाँ न होना है,

तुमको मेरी नज़रें हर उस जगह पर ढूंढती हैं।

जहां हम रोज़ मिलते थे तुम्हारे जाने से पहले

वो कॉफ़ी की दुकान को बस बाहर से ही देखता हूँ

जहाँ हम घंटो बैठ जाते थे।

 

जब भी निकलता हूँ उन रास्तों पर

बस तुम्हारे बारे में सोचने लगता हूँ,

तुम्हारा मुझपर विश्वास करना दिल को सुकून देता है

इस बात की तसल्ली भी रहती है,

चाहे जो हो तुम मेरे साथ कुछ बुरा नहीं होने दोगी।


 


 



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