तुम्हारी मुस्कराहट
तुम्हारी मुस्कराहट
कह देना चाहता हूं रोज़ तुमको कई बार
तुमसे प्यार करता हूँ मैं
बिना कारणों के चाहता हूँ तुमको
बिना वापसी की उम्मीद के तुम्हारे पास घंटो वक़्त बिताना
पसंद है मुझको
प्यार का इज़हार अक्सर गुलाब से करते है लोग
लेकिन तुमको गुलाब से ज्यादा ख़ुशी मेरी कवितओं से मिलती है
मिठास के लिए तुम चॉकलेट को नहीं
अपने हाथों में पकड़ी हुई कुल्हड़ की चाय को पी लेती हो
सोच लेता हूँ तुमको कई बार बाँहों में भर लेने के बारे में
उसी तरह जैसे अक्सर हम इस ठंड में गर्म सी चादर को भर लेते है बांहों में
जानती हो तुम जब उदास होती हो
जी चाहता है तुम्हारी उदासियों को चूम के दूर कर दूँ मैं
मैं सोचता हूँ
टेडी बेयर को भी देख कर कभी
तुम सी अदाए तो उसमें भी आती नहीं होगी
वादा करता हूं तुमको कई बार मैं
हम दोनों का साथ बनाएं रखना चाहता हूं मैं उम्र भर के लिए
मेरे लिए तुम किसी सुन्दर सी कल्पना को जीने के जैसी हो
जिसको मैं समा लेना चाहता हूँ खुद के अन्दर
ताकि तुमको छुपा लूं दुनिया भर की नजरों से
और जब चाहूं झांक लूँ खुद में तुमको पाने के लिए
तुम्हारी मुस्कराहट तुम्हारी बातें हर बार कोई नयी कहानी कह जाती है
मुझसे भी और मेरे दिल से भी
जानती हो सबसे अच्छा क्या लगता है मुझको
तुम्हारी अदा जब तुम कहती हो “सुनो न तुम मुझे इतना भी प्यार मत करो”
जिसके जवाब में मैं बस मुस्कुरा के तुमको देखता रह जाता हूँ।