एक गहरा समंदर एक गहरा समंदर
मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा। मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा।
आज भी याद आती है तुम्हारी वो फिकी सी मुस्कान और खामोश निग़ाहों से उठते सवाल ! आज भी याद आती है तुम्हारी वो फिकी सी मुस्कान और खामोश निग़ाहों से उठते सवाल !
निशा के बाद ऊषा का आगमन निश्चित होगा। निशा के बाद ऊषा का आगमन निश्चित होगा।
जब मैं कहता हूँ अच्छा हूँ। जब मैं कहता हूँ अच्छा हूँ।
पन्ना बदलते ही बचपन दिखा पुराने दोस्त मिले पन्ना बदलते ही बचपन दिखा पुराने दोस्त मिले