Arun Pradeep
Drama
इस जवाब से नज़दीकी
मान लेते हैं
मैं सच्चा हूँ।
पूछे जाने पर ख़ैरियत
जब मैं कहता हूँ
अच्छा हूँ।
हाइकु
कवि
होली नवगीत
होली विषाद
होली है...
होली की ठिठोल...
अनोखी होली
संक्रांति
सपना
है जन्म जन्म का साथ प्रियतमा, तुम हर जीवन छवि ही बन आना।। है जन्म जन्म का साथ प्रियतमा, तुम हर जीवन छवि ही बन आना।।
मुबारक हो ज़िन्दगी, तूने फिर हरा दिया मुझे….. मुबारक हो ज़िन्दगी, तूने फिर हरा दिया मुझे…..
आस ही लगी रही कि कभी तो सफ़र साथ-साथ होगा, आस ही लगी रही कि कभी तो सफ़र साथ-साथ होगा,
मैंने स्त्री के दामन कालांतर से चल रहे उन शोषण को देखा है मैंने स्त्री के दामन कालांतर से चल रहे उन शोषण को देखा है
जिससे बचने के लिए भीड़ भरी जगहों पर जाता हूँ मैं। जिससे बचने के लिए भीड़ भरी जगहों पर जाता हूँ मैं।
मेरी कविता मेरा आखरी, जिक्र हो जाय तो अच्छा। एक साँस अगर खुल कर…….. मेरी कविता मेरा आखरी, जिक्र हो जाय तो अच्छा। एक साँस अगर खुल कर……..
मानो आसपास जो घटित हो रहा है मात्र एक मिथ्या और अवास्तविकता है। मानो आसपास जो घटित हो रहा है मात्र एक मिथ्या और अवास्तविकता है।
सूना मन का आँगन, सूनी मेरी छाया बस एक यक़ीं में जीता, के होता हैं रब राखा सूना मन का आँगन, सूनी मेरी छाया बस एक यक़ीं में जीता, के होता हैं रब राखा
विरक्त अगर पिता पुत्रों से हो जाये कैसा दुर्भाग्य होगा उन पुत्रों का हाय विरक्त अगर पिता पुत्रों से हो जाये कैसा दुर्भाग्य होगा उन पुत्रों का हाय
अब बातें नहीं होती फिर भीं उसकी एक बात तस्वीरें कविता सुकून दे जाती हैं।। अब बातें नहीं होती फिर भीं उसकी एक बात तस्वीरें कविता सुकून दे जाती हैं।।
किसी की आंखों को हरजाई का इंतजार रहेगा। किसी की आंखों को हरजाई का इंतजार रहेगा।
तू खोल के ऑंखें देख जरा, मैं क्या ख्वाब सज़ा कर लाया हूँ। तू खोल के ऑंखें देख जरा, मैं क्या ख्वाब सज़ा कर लाया हूँ।
पहले अंजान भी हाल पूछा करते आज मुझे अपने भी कोसते मेरे पहले अंजान भी हाल पूछा करते आज मुझे अपने भी कोसते मेरे
टूटता गया, बिखरता गया जो वक्त के साथ वो मलबा कोई ख्वाब था। टूटता गया, बिखरता गया जो वक्त के साथ वो मलबा कोई ख्वाब था।
एक नई याद जुड़ेगी मेरे अक्स से, उसे मेरे साथ ही रह जाने दो। एक नई याद जुड़ेगी मेरे अक्स से, उसे मेरे साथ ही रह जाने दो।
आज यादें है पर पहले जैसा अब कुछ नही रह गया है, तुम हो मैं हूं बस रिश्ता बदल गया है। आज यादें है पर पहले जैसा अब कुछ नही रह गया है, तुम हो मैं हूं बस रिश्ता बदल ग...
खुद को खुद के खुशियों से अलग कर बहुत पछताता है। खुद को खुद के खुशियों से अलग कर बहुत पछताता है।
सीता और राम को मिलवा दो शांति का पैग़ाम भिजवा दी। सीता और राम को मिलवा दो शांति का पैग़ाम भिजवा दी।
मेरे चाहने वालो...खुलकर हँसलो, मैं जोकर...इस रंगमंच का नायक हूँ ! मेरे चाहने वालो...खुलकर हँसलो, मैं जोकर...इस रंगमंच का नायक हूँ !
सुकून मिलता है एक आसमां और जमीन यहीं एक सूरज और चांद यहीं खास रहने वाले हैं। सुकून मिलता है एक आसमां और जमीन यहीं एक सूरज और चांद यहीं खास रहने वाल...