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Arun Pradeep

Others

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Arun Pradeep

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होली है...

होली है...

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जब भंग चढ़े और चंग बजे

तब देख तमाशा होली का

बाबा देवर सा रंग रंगे

तब देख तमाशा होली का

गोपी बच बच कर जब निकले

और कान्हा सब रंगरेज करे

गगरी सर की टकटकी लगा

मारे पत्थर और छेद करे

कर बरजोरी जब कर डाले

सतरंगी चेहरा भोली का

मस्तो की टोली जब निकले

तब देख तमाशा होली का 



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