नादानी, सादगी और बचपन की उस मुस्कान के साथ। नादानी, सादगी और बचपन की उस मुस्कान के साथ।
राधे सब है समझती तुम न समझना उसको भोली। राधे सब है समझती तुम न समझना उसको भोली।
मम्मी फिर चिल्ला कर बोली कहाँ चली बच्चों की टोली। छत पर चले नहाने मैया छपक छपैया छपक छपैया। मम्मी फिर चिल्ला कर बोली कहाँ चली बच्चों की टोली। छत पर चले नहाने मैया ...
हमने तो अपने लोगों को कह दिया है आक्रमण करते चलो हमने तो अपने लोगों को कह दिया है आक्रमण करते चलो
जब नापते थे हर गली वो दोस्तों की टोली थी अपनी। जब नापते थे हर गली वो दोस्तों की टोली थी अपनी।
लस्सी और गुड़ संग बाजरे की रोटी, सब मिल के खेले सोलह हाथ गोटी गेहूँ की बाली भी हो गई हैं पोठी, लस्सी और गुड़ संग बाजरे की रोटी, सब मिल के खेले सोलह हाथ गोटी गेहूँ की बाल...