अपनी मृत्यु स्वयं है लाता लालच में फंस विद्वान। अपनी मृत्यु स्वयं है लाता लालच में फंस विद्वान।
भेदभाव का भाव न जिसके उर में उपजे, बाल मनोविज्ञान सही बतलाना है भेदभाव का भाव न जिसके उर में उपजे, बाल मनोविज्ञान सही बतलाना है
न जाने रोज कौन सूरज धर देता हैं ! मेरे मोहल्ले में एक बालक रहता है। न जाने रोज कौन सूरज धर देता हैं ! मेरे मोहल्ले में एक बालक रहता है।
नादानी, सादगी और बचपन की उस मुस्कान के साथ। नादानी, सादगी और बचपन की उस मुस्कान के साथ।
सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता बन कर चुकाना होगा हमें भी ऋण। सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता बन कर चुकाना होगा हमें भी ऋण।
जो बालक को जाये जान मुश्किल करदे उसकी आसान जो बालक को जाये जान मुश्किल करदे उसकी आसान