राधे सब है समझती तुम न समझना उसको भोली। राधे सब है समझती तुम न समझना उसको भोली।
कहना भी खुद की सुनना भी खुद की लेकिन हर पल रहता है वो मुझी से मुखातिब कहना भी खुद की सुनना भी खुद की लेकिन हर पल रहता है वो मुझी से मुखा...
तू नटखट माखन चोर, रास रचाए चारों ओर तेरी बातें लुभा जाती है। तू नटखट माखन चोर, रास रचाए चारों ओर तेरी बातें लुभा जाती है।
नटखट मेरे नंदकिशोर करते हैं शैतानियां। .... नटखट मेरे नंदकिशोर करते हैं शैतानियां। ....
पहली प्रेरणा मेरी बेटी, क़लम को दी परवाज़। पहली प्रेरणा मेरी बेटी, क़लम को दी परवाज़।
दिवाली को विदा करके होली की आस लगाई। दिवाली को विदा करके होली की आस लगाई।