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Sajida Akram

Inspirational

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Sajida Akram

Inspirational

क़लम को परवाज़

क़लम को परवाज़

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मेरी प्रेरणा मेरी बेटी 

आज तुम आई हो बहार, 

बन के मेरी ज़िन्दगी में, 

तुम को जब पहली बार, 


अपनी गोद में लिया तुम, 

तो मेरा ही प्रतिरुप हो, 

मेरी आँखों में सावन भादों, 

की झड़ी लग गई में दर्द सारा, 


भूल गई, जब देखा तुमसा, 

सलौना चेहरा, लगा रब ने

दे दी मुझे एक नन्हीं परी, 

जब हुई तुम बड़ी बस, 


हमनें दे दी अपनी,

क़लम को परवाज़। 

तुम्हारी नटखट अदाओं,

को तुम्हारे बचपन को,


सुनहरी यादों में समेट,

लिया तुम्हीं हो मेरी,

पहली प्रेरणा मेरी बेटी,

क़लम को दी परवाज़।


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