जज्बा
जज्बा
ख्वाब बदलते रहते हैं ,
मंजिल नहीं बदलती ,
जज्बा हो जीने का तो ,
किस्मत भी बदलती रहती है,।
हर मोड़ पर मिलते हैं लोग,
तुमको को खींच गिराने को ,
पर जज्बा रखो तुम फिर से ,
उठ खड़े होने का।
हिम्मत के आगे हारते हैं,
हमे नीचा दिखाने वाले,
जो खुद ही छोटे हो जाते है ,
तुम्हारे आगे बढ़ने पर।