I'm Dinesh and I love to read StoryMirror contents.
बार बार बैठकर हरदम, अपनी फटी ही सिलते हैं। बार बार बैठकर हरदम, अपनी फटी ही सिलते हैं।
असंतोष जन्म देता है हरदम, नए नए अभाव और तृष्णा को असंतोष जन्म देता है हरदम, नए नए अभाव और तृष्णा को
संस्कार को रहता है समेटे, बनने ना देता किसी को खोटे। संस्कार को रहता है समेटे, बनने ना देता किसी को खोटे।
कहीं बचा नही कोई स्थान, कैसे बिठाऊं किसी को मन में। कहीं बचा नही कोई स्थान, कैसे बिठाऊं किसी को मन में।
ये इश्क का बहुत नाम है ये इश्क बहुत बदनाम है , ये इश्क का बहुत नाम है ये इश्क बहुत बदनाम है ,
भाई के हर आँसू को, पोछने को रहती वो तैयार। भाई के हर आँसू को, पोछने को रहती वो तैयार।
ऑनलाइन ही लड़ना और झगड़ना, भी खूब हो जाता है , ऑनलाइन ही लड़ना और झगड़ना, भी खूब हो जाता है ,
अगला जन्म है किसने देखा, जो है उस अपनाओ जी। अगला जन्म है किसने देखा, जो है उस अपनाओ जी।
जिंदगी भर के किए कराए पर, यूं ही पानी फेर जाते हैं। जिंदगी भर के किए कराए पर, यूं ही पानी फेर जाते हैं।