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Sajida Akram

Romance

3  

Sajida Akram

Romance

"किस मोड़"

"किस मोड़"

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'ये किस मोड़ पर ले आए हमें

जहाँ से इक तरफ़ा अपनों का, 

बिछुड़ने का खौफ़ है हमें

इक तरफ़ा देखें तो तुमको भी

खो देने का खौफ़ है।

ये किस मोड़ पर ले आए हमें

अभी तो हम संवरने लगे थे

बिछुड़ने का डर सताने लगा है

कभी तुम्हारा प्यार, तो माँ- बाबा का दुलार, 

ये किस मोड़ पर ले आए हमें।


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