जो देखे वतन की और मेरे, सीधा खंज़र घोपूँ सीने में.. जल जलती है, उठ उठती है, सीने में भरी मेरे चिंग... जो देखे वतन की और मेरे, सीधा खंज़र घोपूँ सीने में.. जल जलती है, उठ उठती है, सी...
कहते हैं लोग, अपने अंदाज में मेरा भारत महान हम भी सुनते हैं ये आवाज कहते हैं लोग, अपने अंदाज में मेरा भारत महान हम भी सुनते हैं ये आवाज
अभी तो हम संवरने लगे थे बिछुड़ने का डर सताने लगा है। अभी तो हम संवरने लगे थे बिछुड़ने का डर सताने लगा है।