खून का रंग लाल इसी रंग को जानता हुं खून का रंग लाल इसी रंग को जानता हुं
ले चल मुझको उस संसार प्रिए, जहाँ मिलता हो बस प्यार प्रिए। ले चल मुझको उस संसार प्रिए, जहाँ मिलता हो बस प्यार प्रिए।
इक ऐसा जहाँ पाऊँ इक ऐसा जहाँ पाऊँ
बादलों को रोककर, बरखा को भी पा लिया, फिर उसी के पानी से, बिजली को पैदा किया। बादलों को रोककर, बरखा को भी पा लिया, फिर उसी के पानी से, बिजली को पैदा ...
जहाँ एक हो आँगन, एक ही जहान का। जहाँ एक हो आँगन, एक ही जहान का।
अतुल के गजल की साज हो तुम दर्द-ए-दिल बयां करने वाला अल्फाज हो तुम। अतुल के गजल की साज हो तुम दर्द-ए-दिल बयां करने वाला अल्फाज हो तुम।