हलाहल विष पीने के लिए नहीं है कोई महादेव इस बार, तो पकड़ लाये हैं वो किसी को अवतार हलाहल विष पीने के लिए नहीं है कोई महादेव इस बार, तो पकड़ लाये हैं वो किसी ...
मैं, खुद को ओढ़ कर लेटा हूँ ऐसे। लाश, कफन ओढ़े लेटी हो जैसे। मैं, खुद को ओढ़ कर लेटा हूँ ऐसे। लाश, कफन ओढ़े लेटी हो जैसे।
दोनों बिछुड़ कर विधाता की लेखनी है ! दोनों बिछुड़ कर विधाता की लेखनी है !
एक अरसे से हृदय में उठे मुर्दा विचारों के यातना शिविर में प्रताड़ना की तरह तब कहीं। एक अरसे से हृदय में उठे मुर्दा विचारों के यातना शिविर में प्रताड़ना की तरह ...
जब हारा हो ये मन अगर तब एक सहारा होता है दे झूठी आस, लगे आकर्षित जब हारा हो ये मन अगर तब एक सहारा होता है दे झूठी आस, लगे आकर्षित
पहले ही खूबसूरती में थी कमी कहां पहना दिया ऊपर से जो मखमल लिबास और। वो देखती मुझको मैं समा जात... पहले ही खूबसूरती में थी कमी कहां पहना दिया ऊपर से जो मखमल लिबास और। वो देख...