मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है। मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है।
लेकिन प्यारे खेल को वक्त देना, मन की भी मजबूरी है। लेकिन प्यारे खेल को वक्त देना, मन की भी मजबूरी है।
अब हम सब लोगों ने ये ठाना है भारत को एक महान देश बनाना है। अब हम सब लोगों ने ये ठाना है भारत को एक महान देश बनाना है।
वहाँ अंत में गहरी खाई है। वहाँ अंत में गहरी खाई है।
लोक कल्याण की कभी बात करते हैं विश्व उत्थान की लोक कल्याण की कभी बात करते हैं विश्व उत्थान की
हलाहल विष पीने के लिए नहीं है कोई महादेव इस बार, तो पकड़ लाये हैं वो किसी को अवतार हलाहल विष पीने के लिए नहीं है कोई महादेव इस बार, तो पकड़ लाये हैं वो किसी ...