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Surendra kumar singh

Others

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Surendra kumar singh

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कहते हैं लोग

कहते हैं लोग

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कहते हैं लोग,

अपने अंदाज में

मेरा भारत महान

हम भी सुनते हैं ये आवाज

और देखते रहते हैं तुम्हें

आवाज लगाने वालों के बीच

गुजर करते हुये।

तुम्हारी महानता की कहानियों से आकर्षित,

हम,तुमसे रूबरू होने की कोशिश में

रूबरू हैं तुम्हारे ममत्व से।

एक विसम्य तो है

देश को मां बन जाने का

जैसे कोई पुरूष स्त्री बन गया है

तुम्हारी महानता और जय के नारों के बीच।

अब अपनी बात क्या छिपायें

देश से रूबरू होने की कोशिश के सफर में,

जंगल से गुजर ही रहे थे कि

तुमने उठा लिया अपनी गोंद में

कितना गर्म और ख़ौफ़नाक पल था न

तुम्हारी महानता और जयकारों के के बीच में ही।

तुम्हारे देश होने का एहसास तो नहीं

पर तुम्हारे मां होने का भरपूर एहसास है।

सचमुच ये जीवन

तुम्हारी नजर है,

तुम्हारी शक्ति है

तुम्हारी जिम्मेदारी है।

इस संक्रमित कालखंड में

जब ख़ौफ़ का प्रेम,

अभी भी प्रेम से ख़ौफ़ खा रहा है,

तुम्हारी महानता और जयकारे की

उठती हुयी अनवरत आवाजों के मध्य में।


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