तुम्हारी आगोश में
तुम्हारी आगोश में
तुम्हारे आगोश में ये दुनिया
और दुनिया में हम,
तुम्हारी दी हुई आजादी को
छीना हुआ महसूस करते हुए
उसके लिए युद्धरत भी,
कभी कभी लगता है
ये कि
आजादी के लिए हमारी कवायद
इसलिए बोझिल हो चली है कि
दुनिया में गुलामी का आकर्षण
आजादी की अपेक्षा
अधिकतम है।
