जीवन के अनुभव को शब्द देने की कोशिश
ये बात और है काबिले गौर कि अपने भी कहां हैं लोग। ये बात और है काबिले गौर कि अपने भी कहां हैं लोग।
आजादी भी मिल जाएगी, एकता भी स्थापित हो जायेगी। आजादी भी मिल जाएगी, एकता भी स्थापित हो जायेगी।
देखा सबने शहर के चौराहे पर हमें जलाते हुए। देखा सबने शहर के चौराहे पर हमें जलाते हुए।
जो मैं नहीं देख पाता जो तुम नहीं देख पाते जो मैं नहीं देख पाता जो तुम नहीं देख पाते
तो लगा काश और पहले मिल लिये होते तो लगा काश और पहले मिल लिये होते
अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अभिनय सा गंभीर प्रयास कर रहे हैं अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अभिनय सा गंभीर प्रयास कर रहे हैं
शायद मैं डरपोक नहीं हूँ लेकिन मैं डरता हूँ। शायद मैं डरपोक नहीं हूँ लेकिन मैं डरता हूँ।
सचमुच यह कितना सरल है कितना अद्भुत है। सचमुच यह कितना सरल है कितना अद्भुत है।
कभी मिल जाता है कभी बेचैन कर देता है कभी मिल जाता है कभी बेचैन कर देता है