जीवन के अनुभव को शब्द देने की कोशिश
सुबह के किनारे और इतनी सी उछाल में रात कैद हो गई आंख में सुबह के किनारे और इतनी सी उछाल में रात कैद हो गई आंख में
उसी रंग में सहजता से रंग उठता है उसी रंग में सहजता से रंग उठता है
सुनना मुमकिन है आप को कल्पना लगे। सुनना मुमकिन है आप को कल्पना लगे।
आग में झुलसती हुयी दुनिया में आग बुझाने के उपक्रम कितने सरल है। आग में झुलसती हुयी दुनिया में आग बुझाने के उपक्रम कितने सरल है।
निराशा, आशा पर असंतुलन, संतुलन पर आरूढ़, है निराशा, आशा पर असंतुलन, संतुलन पर आरूढ़, है
सुबह है सुबह है
हंसो यार जीवन का जीवन्त तकाजा है। हंसो यार जीवन का जीवन्त तकाजा है।
अब आलम कुछ और है लगता है परिवर्तन का शोर हकीकत मे बदल गया है। अब आलम कुछ और है लगता है परिवर्तन का शोर हकीकत मे बदल गया है।
वही मिल गया है जिसे मांगने की आप अभी सोच ही रहे थे। वही मिल गया है जिसे मांगने की आप अभी सोच ही रहे थे।
सुना था खुद को जानना सबसे मुश्किल काम है। सुना था खुद को जानना सबसे मुश्किल काम है।