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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

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Bhagwati Saxena Gaur

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दीपावली

दीपावली

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मेरे रंग भरे दीपों से अमावस की रात हो गयी उजियारी,

हर अंधेरा दीपावली के दीयों की रोशनी ने हर लिया !!


घर पृथा क्यों न हो, लौ की मर्यादा और रंग एक सा है !

रोशनी गरीब, अमीर के घर की सदा एक सी रहेगी !!


दीप सोने, चांदी, मिट्टी कोई भी हो, बाती रुई की है !

लक्ष्मी जी हर हाल में प्रसन्न हो सबके द्वार आ गयी !!



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