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Bhagwati Saxena Gaur

Romance

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Bhagwati Saxena Gaur

Romance

बारिश

बारिश

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तेरी यादों की बारिश अक्सर नैना भिगोती है,

जब तक पलके पोंछकर सुखाती हूँ,

एक अनुभूति, एक अहसास छू जाता है,

दर्द उभरकर हृदय तक तड़पाता है !!


प्यारी यादों का हक़ कभी न छीनना,

इनसे ही कुछ हसीन पलों को जी लेती हूँ,

गर कोई मेरी खता याद भी आये तो,

कभी करीब थी ये मान माफ करना !!


मन के शांत सागर में चली आती हैं,

यादों की बारिश तेरी, मन भिगो जाती है,

बेखौफ हो मजबूर यादे कमजोर बनकर,

इनकी हलचल से मन की नगरी मेरी,

गुलजार जो होती है, और मदहोश होती है !


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