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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

मित्रता

मित्रता

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वह सदी कुछ और थी,

उम्मीद के आखिरी छोर तक,

हर दोस्त, हर रिश्ते का लिहाज रखती थी !!

21वी सदी आयी,

तू नहीं और सही,

अनजाने रिश्तों की भीड़ है,

हरेक का मन रिक्त है !!

कुछ सकारात्मक भी है,

तो कुछ नकारात्मक भी 

यूज एंड थ्रो का जमाना है !!

मित्रता हो तो कृष्ण सुदामा सी 

राम और सुग्रीव सी पावन हो

जिसमें कोई चाह ना लालच हो

निष्कपट हो तेरे मेरे का भाव ना हो

किसी बात की आशा ना हो

बस मन में सौहार्द हो,

आंसू लाने का कारण न बने,

प्रेम से कुछ कर जाने की चाह हो !!



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