STORYMIRROR

Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

4  

Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

प्रेम

प्रेम

1 min
352

गीत


प्रेम तो अनमोल है, माप सका न कोई,

हिय में जिसके बस गया, वो मगन हो जाए,

ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल है !!


प्रेम किया था राधा ने, जोड़ी अमर हुई,

कृष्णा कृष्णा जपते ही, प्रेममयी हो गयी 

ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल है !!


प्रेम में डूबी थी मीरा, जय श्री कृष्ण ही गाये

जहर का प्याला पी गयी, राणा ने भिजवाए 

ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल !!


साधक थी सीता भी कभी, बाग में मुग्ध भई,

राम राम जपते ही, वन को भी वो तो गयी 

ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल है !!



ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

More hindi poem from Bhagwati Saxena Gaur

मोबाइल

मोबाइल

1 min വായിക്കുക

मित्रता

मित्रता

1 min വായിക്കുക

दीपावली

दीपावली

1 min വായിക്കുക

कारवां

कारवां

1 min വായിക്കുക

यादे

यादे

1 min വായിക്കുക

बारिश

बारिश

1 min വായിക്കുക

प्रेम

प्रेम

1 min വായിക്കുക

जिन्दगी

जिन्दगी

1 min വായിക്കുക

मन के भाव

मन के भाव

1 min വായിക്കുക

Similar hindi poem from Inspirational