प्रेम
प्रेम
गीत
प्रेम तो अनमोल है, माप सका न कोई,
हिय में जिसके बस गया, वो मगन हो जाए,
ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल है !!
प्रेम किया था राधा ने, जोड़ी अमर हुई,
कृष्णा कृष्णा जपते ही, प्रेममयी हो गयी
ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल है !!
प्रेम में डूबी थी मीरा, जय श्री कृष्ण ही गाये
जहर का प्याला पी गयी, राणा ने भिजवाए
ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल !!
साधक थी सीता भी कभी, बाग में मुग्ध भई,
राम राम जपते ही, वन को भी वो तो गयी
ओ प्राणी प्रेम तो अनमोल है !!
