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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

मन के भाव

मन के भाव

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मैं और मेरी कविताएँ,

एक सुरक्षित कोना ढूंढ,

सलाह मशवरा करती हैं,

साहित्य के नौ रस में डूबती हैं,

कभी हास्य रस की कविताये गढ़ती,

श्रृंगार रस की मूर्ति पर कहानी रचती हैं !!


मैं और मेरी तन्हाई

कभी बच्चो के अद्भुत सवाल सुनती हैं,

और कभी बचपन के

बाबूजी को यादकर रौद्र रस में डूबती हैं !!


मैं और मेरी अभिव्यक्तियाँ

कभी आँचल से अठन्नी देती अम्मा,

कभी मुझे सजाती बहने करुण रस में डुबो जाती हैं !!


मैं और मेरी आराधना

कभी देवी जी की अखंड ज्योत भक्ति रस में पिरोती हैं !!

मैं और मेरी कविताएँ

मुझे अतीत में विचरने को बाध्य करती हैं !


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