स्वप्नों का सफ़र
स्वप्नों का सफ़र
स्वप्नों का सफ़र यूं ही चलता रहे
लक्ष्य की ओर जीवन बढ़ता रहे
हों मुकम्मल हर ख़्वाब जो देखें
ईमान का कारवां यूं संवरता रहे
दिल से दिल यूं ही मिलता रहे
गुल प्रेम का सदा खिलता रहे
स्वप्न में भी ईश्वर का ध्यान कर सकें
ऐसी अर्जी हरि चरणों में सदा लगती रहे।