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Ranjeeta Dhyani

Inspirational

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Ranjeeta Dhyani

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गिरधारी

गिरधारी

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मैं तेरी राह निहारती गिरधारी

अंखियन दरस को तरसे


नाम जपत मैं हुई बावरी

नयन नीर झड़ी बरसे

तेरा रूप सलोना लागे मुझको


श्याम रंग अति भावे मुझको

मुस्कान मनोहर अधरों पर लाली

कान्हा से प्रीत मोहे लागे आली (सखी)

बंसी की धुन लुभाती मुझको


घुंघराले केश सुहाते मुझको

मोर पंख और वैजयंती माला

कानन कुंडल पहने नन्दलाला


तुम हो करुणा निधान, तुम हो दीन दयाला

तुम्हें पाकर मोहन, मन हो जाये निहाला

मझधार मे अटकी नैया, कन्हैया पार लगा देना

शरणागति मिल जाये तुम्हारी, ऐसा तार मिला देना ।



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